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Channel: दिल की बात – NavBharat Times Blog
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'सरकारी नौकरी'बनेगी चुनाव की चुनौती

एक वक्त था जब बेरोजगारी भत्ता मुद्दा बना करता था। यूपी में मुलायम सिंह यादव ने इसकी शुरुआत की थी। उनकी पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया था कि सत्ता में आने पर वह बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देगी।...

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दुविधा से बाहर आना ही होगा कांग्रेस को

70 के दशक में एक फिल्म आई थी, हीर-रांझा। इस फिल्म के एक गाने की शुरुआती लाइनें कुछ यूं थीं, ‘मिलो न तुम तो हम घबराएं, मिलो तो आंख चुराएं, हमें क्या हो गया है?’ इस गाने की ये लाइनें जेहन में अचानक इसलिए...

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किसके बल पर लड़ेंगे ‘सेकुलरिज्म’ की लड़ाई

नदीम मुसलमानों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘सेकुलरिज्म बचाने की जिम्मेदारी अकेले मुसलमानों की नहीं है। मैं आज तक यह...

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विपक्ष को बीजेपी से सीखना होगा

नदीम कहते हैं कि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। बीजेपी ने यह साबित कर दिखाया। याद कीजिए 2014 से पहले की बीजेपी को। एक ऐसी पार्टी, जिसमें जिसमें जीत की कोई बहुत ज्यादा ख्वाहिश नहीं दिखती थी, जो महज...

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विपक्ष में भी सिकुड़ती जा रही है कांग्रेस

पिछले दिनों ही कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का एक बयान आया है। कह रहे हैं कि कांग्रेस का साथ लेना उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी गलती रही। कांग्रेस का साथ लेकर उन्होंने बहुत कुछ गंवा दिया।...

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इतना खौफ क्यों खा रहे हैं सब ओवैसी से

समाजवादी हलकों में लोहिया जी का एक कथन बहुत मशहूर है। लोहिया जी कहा करते थे कि राजनीति में कामयाबी के लिए तीन फैक्टर अहम होते हैं- चर्चा, खर्चा और पर्चा। चर्चा मतलब पब्लिसिटी, खर्चा यानी फंडिंग और...

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दास्तानः जब कांग्रेस को गुप्त रखना पड़ा रैली स्थल

अक्टूबर 1988 की बात है। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के बोट क्लब पर एक बड़ी रैली का आयोजित की थी। अलग-अलग राज्यों से विशेष ट्रेन लगाई थी दिल्ली की रैली के लिए। चुनाव सिर पर...

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दास्तानः चंद्रशेखर को क्यों रखनी पड़ी थी दाढ़ी

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के चेहरे पर दाढ़ी आजीवन उनकी पहचान बनी रही। अपने सफर का एक किस्सा वह खुद बताते थे जब वह एक ट्रेन में थे और सामने की सीट पर एक छोटा बच्चा अपने परिवार के साथ था। वह बच्चा...

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बीजेपी मुख्यमंत्रियों को संदेश है ‘उत्तराखंड’

पिछले एक हफ्ते के दरमियान उत्तराखंड का जो भी सियासी घटनाक्रम रहा है, उसे एक राज्य के घटनाक्रम के रूप में देखने के बजाय अगर बड़े फ्रेम में देखा जाए, तो दिखेगा कि बीजेपी ने उस दुविधा से पार पाने की ओर...

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वह सवाल जो एक सीएम को चुभ गया था

देश के सरकारी स्कूलों में चलने वाली ‘मिड डे मील’ योजना से तो सभी वाकिफ हैं। इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल में ही सरकार की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन इस योजना का कॉन्सेप्ट आया कैसे, यह...

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जब 17 विधायकों से सीएम बने घोष बाबू

ऐसा नहीं है कि बंगाल का सत्ता संग्राम पहली बार दिलचस्प मोड़ पर है। अतीत पर नजर डालें तो मिलता है कि वहां पहले भी सत्ता के लिए बेहद रोमांचकारी मुकाबले होते रहे हैं, और कहा तो यह भी जाता है कि सरकार...

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बंगाल चुनाव में असर दिखाता ‘टॉम’

कई साल पहले बिल्कुल एक नए शब्द से परिचय हुआ था- टॉम (TOM)। वह अखबार से जुड़ी एक बिजनेस मीट थी, वहीं पर यह शब्द मेरे सामने आया था। मैं समझ नहीं पाया था कि यह TOM क्या होता है। फिर बताया गया कि TOM,...

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जब दो परिवारों वाले बूथ पर हुई री-पोलिंग

कोई भी चुनाव हो और उसमें शेषन याद न किए जाएं, यह मुमकिन ही नहीं। सच पूछा जाए तो उन्होंने ही चुनाव आयोग को उसकी असली ताकत का अहसास कराया। बतौर चुनाव आयु्क्त उन्होंने अपने फैसलों की कोई सीमा तय नहीं की।...

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इसलिए चाहिए 'एक देश, एक चुनाव'

जिस वक्त मुल्क के सभी राज्यों को कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होना चाहिए था, उस वक्त पांच राज्य जेहनी तौर पर इसके लिए तैयार नहीं थे। वजह यह है कि वहां चुनाव चल रहे थे। एक राज्य में तो अभी भी चल रहा है। जिन...

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कांग्रेस को अपनों ने डुबोया, गैरों में कहां दम था

सोचिए, अगर ममता बनर्जी आज कांग्रेस में होतीं तो क्या होता? पार्टी के टिकट पर 1984 के चुनाव में उन्होंने वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी जैसे दिग्गज को हराकर सबसे युवा सांसद बनने का गौरव हासिल किया था। यह...

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बंगाल में लंबा चलेगा राजनीतिक तूफान

एक आम धारणा थी कि दो मई को जब चुनाव के नतीजे आ जाएंगे, उसके बाद बंगाल की राजनीतिक तपिश खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी। वहां बीजेपी और टीएमसी के बीच जो टकराव है, वह सत्ता हासिल करने और उस पर अपना कब्जा बनाए...

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दास्तानः हार तय थी, तभी मिला शरद पवार को टिकट

बात सन 1966-67 की है। तब शरद पवार कोई 26 साल के रहे होंगे, महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष। उस वक्त राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने वाले थे। पवार को भी विधानसभा पहुंचने की ख्वाहिश थी, लेकिन...

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यूं हुआ था मनोहर जोशी को हटाने का फैसला

कहा जाता है कि नारायण राणे अगर उस रोज भी बाला साहेब ठाकरे के सामने चुप्पी साधे रह जाते, तो शायद मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला टल सकता था। लेकिन राणे के सवाल पूछने की हिम्मत ने उसी वक्त...

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सियासत में बड़ी चीज हैं ये छोटी पार्टियां

अगर आप कभी केंद्रीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर गए होंगे तो आपकी नजर जरूर इस तथ्य पर गई होगी कि भारत में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त दलों के अलावा लगभग तीन हजार पंजीकृत राजनीतिक दल हैं।...

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राजनीतिक पार्टियों के लिए अपनों से पार पाना ही है सबसे बड़ी चुनौती

किसी भी राज्य में जब चुनाव हो रहा होता है तो एक आम आदमी के लिए उस राज्य के चुनावी माहौल का अंदाजा लगाने के जो मानक होते हैं, वे यही होते हैं कि किस पार्टी की रैली में कितनी भीड़ जुट रही है, कौन सा...

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